दर्द तो वही देते हैं माफ़ी की शायरी, गिला शिकवा << कभी-कभी सोचता हूँ कि भूल ... ज़िन्दगी सब्र के अलावा कुछ... >> दर्द तो वही देते हैं, जिन्हें आप अपना होने का हक़ देते हैंवरना गैर तो हल्का सा धक्का लगने पर भी माफ़ी माँग लेते हैं! Share on: